लक्ष्य एवं उद्देष्य
लक्ष्य एवं उद्देष्य
अवलोकन
संकल्पित व्यवसायीकरण, सुगम्य वातावरण, सकारात्मक बर्ताव और समुचित, वहनीय, स्वीकार्य और उपलब्ध तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से चलन दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करने में समाज में उनकी पूर्ण सहभागिता के लिए समान अवसर व समान अधिकार सुनिश्चित करने हेतु उनमें से प्रत्येक की कार्य क्षमता को कार्यान्वित करना।
मिषन
ऐसे गुणवत्तापरक हस्तक्षेप द्वारा चलन दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों को किफायती रूप से सक्षम बनाना जो कि उनकी चिकित्सीय आवश्यकताओं के अनुरूप हो और समावेशन को सुकर बनाते हुए टीम एप्रोच के माध्यम से उन्हें आवश्यकता आधारित व्यापक पुनर्वास उपलब्ध कराना, उनका तथा उनके परिवार का सशक्तिकरण सुनिश्चित करना और विशेष अध्ययन आधारित अनुसंधान व मानव संसाधन विकास की अभिपुष्टि करना, जिससे उन्हें सामाजिक व आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त हो सके, पुनर्वास व्यावसायिकों को प्रशिक्षण दिया जा सके और अनुसंधान किया जा सके।
मुख्य उद्देश्य
• भौतिक चिकित्सकों, व्यावसायिक चिकित्सकों, प्रोस्थेटिक्स व आर्थोटिक्स तथा दिव्यांग व्यक्तियों की सेवाओं के लिए आवश्यक अन्य व्यावसायिकों को प्रशिक्षण प्रदान करना ।
• शिक्षा, प्रशिक्षण, कार्य समायोजन तथा ऐसी अन्य पुनर्वास सेवाएं प्रदान करना जिन्हें समाज संबद्ध अथवा असंबद्ध मानसिक मन्दता वाले अस्थि बाधित दिव्यांग व्यक्तियों हेतु
उचित समझे।
• ऐसे सहायक यंत्रों व उपकरणों का निर्माण और उनका वितरण करना जो दिव्यांग व्यक्तियों की शिक्षा, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास के लिए आवश्यक समझे जाएं ।
• बैठकों, सेमिनारों, तथा विचार-गोष्ठियों सहित ऐसी अन्य सेवाएं प्रदान करना जो दिव्यांग व्यक्तियों की शिक्षा तथा पुनर्वास को बढ़ावा देने के लिए उचित समझी जाएं।
• दिव्यांग व्यक्तियों की शिक्षा तथा पुनर्वास को बढ़ावा देने के लिए अधिक प्रभावी तकनीकें विकसित करने के उद्देश्य से अनुसंधान कार्य करना, उसे प्रायोजित या प्रेरित करना।
• दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सेवाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान में लगे राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं स्थानीय एजेंसियों या ऐसे अन्य कार्यकलापों में सहयोग प्रदान करना।
• ऐसे प्रकाशनों का प्रारम्भ अथवा प्रायोजन करना जो उचित समझे जाएं।
• ऐसे अन्य कार्य करना जो उपर्युक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक अथवा प्रासंगिक हों।