बंद करें

    हमारे बारे में

    हमारे बारे में
    पीडीयूएनआईपीपीडी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक और वित्तीय नियंत्रण के तहत कार्यरत एक स्वायत्त संगठन है।
    इस संस्थान, जिसे पहले विकलांगजन संस्थान (आईपीएच) के रूप में जाना जाता था, की स्थापना वर्ष 1960 में सोसाइटी फॉर हैंडीकैप्ड एंड क्रिपल्ड, एक गैर-सरकारी संगठन के रूप में की गई थी और यह तब अस्तित्व में आया जब 22 मई 1975 को तत्कालीन जवाहरलाल नेहरू भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास संस्थान तथा सोसाइटी फॉर हैंडीकैप्ड एंड क्रिपल्ड द्वारा संचालित अन्य संबद्ध संस्थानों को भारत सरकार ने अपने अंतर्गत कर लिया। वर्ष 1976 में यह एक स्वायत्त निकाय में परिवर्तित हो गया। इसे वर्ष 1976 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया।
    संस्थान का नाम वर्ष 2002 में बदलकर पं. दीनदयाल उपाध्याय विकलांगजन संस्थान (पीडीयूआईपीएच) और बाद में वर्ष 2016 में पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान (दिव्यांगजन) किया गया।
    पीडीयूएनआईपीपीडी का भवन – संस्थान का उद्देश्य सभी आयु समूहों के शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की सेवा करना है। निःशक्तजनों की पीड़ा को कम करने के लिए संस्थान निम्नलिखित कार्यक्रम चलाता है :-
    • दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ संबद्धता में बैचलर ऑफ फिजिकल थेरेपी, बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी और बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक्स एंड ऑर्थोटिक्स के साढ़े चार साल की अवधि के पाठ्यक्रम के साथ-साथ दो साल की अवधि का प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री पाठ्यक्रम।
    • फिजिकल थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी और स्पीच थेरेपी में आउट पेशेंट क्लिनिकल सेवाएं।
    • विभिन्न प्रकार की चलन दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए कैलिपर्स, स्प्लिंट्स, कृत्रिमांग, सर्जिकल बूट और लकड़ी के अनुकूलित फर्नीचर सहित ऑर्थोटिक और प्रोस्थेटिक उपकरणों के निर्माण के लिए कार्यशाला।
    • संबंधित जिला प्रशासन और स्थानीय रूप से सक्रिय गैर-सरकारी संगठनों की मदद से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांगजनों के लिए आउट-रीच कैंप।
    • दक्षिणी क्षेत्रीय केंद्र (एसआरसी), सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेष), लखनऊ और श्रीनगर में समेकित क्षेत्रीय केंद्र, राजस्थान राज्य में जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) की स्थापना और संचालन द्वारा दिव्यांगजनों के लिए संस्थागत व्यापक पुनर्वास सेवाओं का विस्तार करना और बरेली (उप्र) में क्षेत्रीय स्पाइनल इंजरी सेंटर की स्थापना में सुविधा प्रदान करना।.